आलस्य कैसे दूर करें ?
ऐसी स्थिति जिसमे हमें पता होता है की यह कार्य करना बेहद आवश्यक है पर बीच उस काम में मन न लगना तथा आलस आना और उस कार्य को न करना और आराम करने में ही आनंद आना ,यह बहुत से लोगों के साथ होता है !
सभी की जिंदगी में कुछ न कर गुजरने की चाहत होती ही है और करना तो हम चाहते है पर कर नहीं पाते है यह उसी आलस के कारण नहीं हो पता है जो हमें बार बार परेशान करता है ! और हमारे केंद्र के बिच में आ जाता है
इस स्थति को दूर करने केलिए आवस्यकता है प्रेरणा और उत्साह की ! क्युकी जिस भी काम आपको आराम नहीं मिलता आलस हमें उस कार्य को करने ही नहीं देता है और वह कार्य असंभव सा लगने लगता है !
मानव जीवन में बदलाव बहुत जरूरी है क्युकी हमारा दिमाग हमें उस किसी परेशानी में पड़ने से रोकता जिसमे उसे लगता है की कोई दिक्कत है वह हमें समस्या सुरक्षित रखना चाहता है इसलिए वह हमें हमेसा रिस्क या फिर कुछ नया और कुछ ज्यादा करने से रोकता है और हमेसा आराम की और ले जाता है और वही कार्य करने को कहता जिसमे उसे मजा आता हो !
हमें पता होता है की हमें यह कार्य करना है या पढ़ना है पर बीच में ही हमें बोरियत महसूस करा देता है हमारा मन ! और बोरियत से परेशान होकर हम जैसे आराम की और जाते है बह कार्य बही रुक जाता है धीरे धीरे ऐसा करने से यह आदत का रूप ले लेता है और यही हर बार की कहानी बन क्र रह जाती है !
इस आदत को बदलना होगा और मन को हर उस चुनौती के लिए त्यार करना होगा जिससे बह डरता है हर उस परिस्थिति का सामना करना होगा जो आलस के कारण खड़ी हो जाती है !
आलस्य के कारण किसी भी काम में मन नहीं लगता है और सारा दिन आलस्य में गुजर जाता है जिससे काम का नुकशान तो होता ही पर स्वस्थ्य पर भी इसका बहुत असर पड़ता है !
आलस्य का उपाए जानने के लिए पोस्ट को पूरा और ध्यान से पड़े आपको बहुत कुछ जानने को मिलेगा जो आपके बहुत काम आ सकता है
उपाय से पहले आलस्य का करण जानना जरूरी है आलस्य के साथ एक और शब्द है जो इसके साथ जुड़ा हुआ है थकान
थकान और आलस्य अलग अलग है पर हम कभी कभी आलस्य को थकान का नाम दे देते है आइये इसे समझते है !
थकान -
थकान किसी काम को करने के बाद महसूस होती है ! जब किसी कार्य को हम करते है उसमे जो मेहनत लगती तो मेहनत के कारण ही हमें थकान होती है रोज काम को और भी बेहतर बनाने के लिए हम जो मेहनत करते है उसे थकान कह सकते है !
या फिर किसी काम को सफल बनाने के लिए किये गए प्रयास और मेहनत को हम थकान कह सकते है !
अब बात आती है आलस्य की
आलस्य थकान के बिलकुल बिपरीत होता है काम को करने से पहले ही हमें आलस्य आ जाता है ! काम के बारे में सोचते ही आलस्य आ जाता है और आलस्य के चलते हम काम को कल पर टाल देते है !
आलस्य में नींद अधिक आती है जब हमारे शरीर पर आलस्य हाबी हो जाता है तो हमें मजबूरन सोना ही पड़ता है नहीं नींद के झोके और उवासी हमें परेशान करती है ! हम आराम देकर आलस्य को बढ़ावा देते है !
अधिक सोना स्वस्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो जाता है और अधिक सोने से बीमारियां हमें धीरे धीरे जकड़ने लगती है !
थकान को दूर करने के लिए शरीर को आराम के तौर पर आप कुछ समय के लिए सो सकते इससे शरीर को लाभ होता है वही जैसा हमने बताया आलस्य में सोना शरीर के लिए बहुत हानि कारक है !
आलस्य को दूर करने के उपाये
यदि दिन भर आलस्य और नींद एवं नींद के झोके और उवासी आती है तो सबसे पहले आपको अपने भोजन में लेने बाले आहारों पर ध्यान देना आवश्यक है ऐसे में ज्यादा तला हुआ भोजन और मांसाहार भोजन का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए हमेशा शुद्ध शाकाहारी आहार और ताजे फल एवं ताज़ी सब्जी का सेवन करना चाहिए !
अधिक तले हुए भोजन में ऊर्जा नहीं होती है क्युकी पकाने के चक्कर में भोजन की शक्ति देने बाली सारी ऊर्जा समाप्त होजाती है ! जितना हो सके उतना आहारों को कच्चा खाये !
अत्यधिक भोजन न खाये और बासा भोजन न खाये इससे भी आपका आलस्य काम हो जायेगा क्युकी बासे भोजन में भी ऊर्जा ख़तम हो जाती है जिसके सेवन से आलस्य बढ़ता है और शरीर में सुस्ती आ जाती है
भोजन बनने के कुछ समय के बाद ग्रहण कर लेना चाहिए क्युकी बाद में रखा हुआ खाना खाने से खाना खाने के तुरन्त बाद ही नींद आने लगती है ! डिब्बा बंद या पैकेट का भोजन खाने से मानसिक आलस्य बढ़ता है क्युकी उस भोजन में ऊर्जा का सारा स्रोत ख़त्म हो जाता है और वह भोजन निर्जीव होता है जो आलस्य को बढ़ाता है !और शाम को भोजन समय पर ही खाना चाहिए एवं अधिक रात में भोजन न करें और रात के समय नींद की भरपूर मात्रा ले !
दिन में अधिक आलस्य आने पर सौंफ इसके उपयोग से आलस्य कमी आ जाती है और धीरे धीरे वह ख़तम होने लगता है ! क्युकी सौंप में वाले कैल्शियम, सोडियम, आयरन और पोटैशियम भरपूर मात्रा में होते जो हमारे शरीर में थकान व सुस्ती वाले जो हार्मोन्स होते है उन्हें खत्म कर देते हैं
आत्मवल आलस्य में सबसे कारगर उपाए है इसकी मदत से आप बिना किसी दवा और बिना किसी उपचार के आलस्य को जड़ से ख़त्म कर सकते है हमारे वेदों और ऋषियों ने बताया है की आत्म्वल से बढ़कर कुछ नहीं है जब भी आलस्य आये तो अपने बल से उसे हरा के अपने की और पूरा ध्यान दें धीरे धीरे आलस्य अपने आप ही आना ख़त्म हो जायेगा
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