अस्थमा क्या है ये कैसे होता है

अस्थमा क्या है ये कैसे होता है ?

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स्वांस लेने में दिक्क्त होना ! ही अस्थमा है ! स्वसन तंत्र में समस्या या फिर स्वांस लेने में दिक्कत होना ये सब अस्थमा के लक्षण है ! स्वांस लेने बहुत परेशानी होना जिससे घबराहट होना ! 

इस के दौरान स्वांस लेने बाली नशों में सूजन आ जाती है ! और स्वांस लेने के रास्ते में कफ जम जाता है और नशे सिकुड़ने लगती है ! जिससे स्वांस लेने में दिक्क्त होती है ! साथ ही अस्थमा रोगी को स्वांस लेते समय छाती में दवाव भी मेहसूस होता है !

छाती में दवाव से सांस फूलने लगती है ! और दमा रोगी को बार बार खांसी आने लगती है ! धीरे धीरे यह खांसी बढ़ने लगती है जिससे स्वांस लेने में और भी दिक्क्त होने लगती है 

अस्थमा एक ऐसी समस्या है जिसमे आपके स्वांस के वायुमार्ग सोज कर संकीर्ण हो जाता है और अतिरिक्त बलगम का उत्पादन करते है ! इससे स्वांस लेने में दिक्कत हो सकती है और खांसी , गवराहट की तकलीफ हो सकती है !

अब जानते है इसकी शुरुआत के बारे 

अस्थमा या दमा इसकी शुरुआत कैसे होती है !

इस रोग की शुरुआत होती है हमारे पेट से ! जब हमारे पेट की बड़ी आंत में गंदगी अधिक बढ़ जाती है तो इस रोग की समस्या होती है ! इस बीमारी का एक कारण एलर्जी भी होता है ! 

जहाँ हमारा देश तरक्की कर रहा है ! उसके साथ कुछ परेशानिया भी जन्म ले रही है उनमे से एक प्रदुषण  ! आज के समय में दिन प्रतिदिन प्रदुषण बढ़ता जा रहा है ! इस बढ़ते प्रदुषण में जब हम बहार निकलते है तो स्वांस के साथ साथ हमारे शरीर में प्रदुषण और धूल मिटटी के कण भी हमारे फेफड़ों में जाते है !

और फेफड़ों में इस प्रदुषण और धूल मिटटी के कणो की संख्या बढ़ने लगती है तो बहा इन्फेक्शन होने लगता है ! और जब यह इन्फेक्शन बड़ जाता है तो बहां की नसों में सूजन आ जाती है ! और सूजन के कारण वह नसे सिकुड़ने लगती है ! जिससे स्वसन तंत्र रोग होने लगते है और हमें स्वांस लेने में दिक्क्त होने लगती है !

अस्थमा या दमा होने का एक कारण है भोजन ! जी हाँ आपने सही पड़ा भोजन ! जो भी लोग ऐसा भोजन करते है जिसमे फाइवर की मात्रा बिलकुल भी नहीं होती है ! जैसे यदि आप मेदे से बना भोजन या फिर इसी चीज़ जो सड़ी हुई है ! ऐसी चीज़े खाने से वह ठीक से पचती नहीं है बड़ी आंत में जाकर चिपक जाती है  अपनी एक परत बना लेती है जो धीरे धीरे मोटी होते जाती है ! और इतनी सख्ती से चिपक जाती है जो आसानी से साफ नहीं हो पाती है !

अब जैसे जैसे यह परत मोटी होते जाएगी तो बड़ी आंत की सफाई मुश्किल होने लगती है ! और जब बड़ी आंत सफाई ठीक से नहीं हो पाती है तो इसमें गंदगी बढ़ने लगती है जिससे कई और बीमारिया भी उत्पन्न होने लगती है !

बड़ी आंत में जब अधिक गंदगी हो जाती है तो उस गंदगी से कफ बनने लगता है ! और धीरे धीरे फेफड़ों की और जाने लगता है ! फिर फेफड़ों में एकठा होने लगता है ! जिससे स्वासनतंत्र में गड़बड़ी होने लगती है और फिर स्वांस लेने में दिक्कत होने  लगती है !

जिस कफ के कारन स्वांस लेने में दिक्कत होती वह हमारी बड़ी आंत में जमी गंदगी के कारण होता है ! इसलिए बड़ी आंत का पूरी तरह  साफ होना बहुत जरूरी होता है ! खाने में कभी भी मेदे से बने पदार्थ का अधिक और रोज  सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए !

मेदे से बने तो ठीक है पर क्या आप यह जानते है की कई ऐसे पदार्थ है जो मेदे को सड़ा के बनाये जाते है मेदे से बने पदार्थ तो हानिकारक होते ही है पर सोचिये उसे सड़ा कर जो पदार्थ बनाये जाते है वह कितना नुकसान पहुंचते है !

ये पदार्थ धीरे धीरे नुकसान करते है जो हमें समझ नहीं आता है और स्वाद के चलते हम इनका सेवन करते रहते है फिर बिमारियों का शिकार हो जाते है !

बड़ी आंत की सफाई अधकतर पानी की द्वारा होती है पर जब गंदगी बढ़ जाती है तो पानी से निकलना मुश्किल हो जाता है ! फिर आंत में जमी इस गंदगी की निकलने के लिए हमें पेट की सफाई डॉक्टरों के द्वारा करवानी पड़ती है ! जिसमे अधिक परेशानी और अधिक धन की आवस्यकता होती है !

अस्थमा को नियंत्रित कैसे रखे ?

आपको इसे नियंत्रित रखना आवश्यक है ताकि यह बड़े नहीं और इसके बढ़ने से होने वाली परेशानियों से आप बचे रहे जो बहुत आवश्यक है !

अस्थमा को भड़कने से रोके ! अस्थमा को भड़काने या बढ़ाने वाले सभी कारणों को डॉक्टर से जान ले और उनका पालन करे ! डॉक्टर की सलाह को हमेशा ध्यान रखे !

शांति बनाये रखे ! अस्थमा बढ़ने पर घवराये नहीं और जितना हो सके अपने आप को शांत रखने की कोशिश करें ताकि कोई परेशानी न हो !

अपनी दवा का ध्यान ! डॉक्टर द्वारा दी गई दवा को बताये गए समय और नियम से सेवन करे इससे आप बेहतर महसूस करेंगे ! और लाभ भी होगा ! अपनी दवा के सेवन में बिलकुल भी लापरवाही न करें !

नियंत्रण के उपाए ! अस्थमा बढ़ने पर क्या किया जाये इसकी जानकारी डॉक्टर से प्राप्त कर ले ताकि नियंत्रण करने में आसानी हो !

सावधानी रखे ! साइन में दर्द , स्वांस लेने में परेशानी , घवराहट आदि ये अस्थमा के मुख्या लक्षण है इन संकेतों को ध्यान रखे और देरी न करें जल्द कार्यवाही करें और अस्थमा नियंत्रण की कार्यवाही करें क्युकी जितनी जल्दी आप कार्यवाही करेंगे उतनी जल्दी आराम मिलेगा ! ऐसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करे ! 

सही दिशानिर्देश ! डॉक्टर के अलावा इसके बारे में किसी से जानकारी न ले न ही किसी से बात करें अस्थमा के बारे में किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें !

आशा है की दी जानकारी आप स्पष्ट रूप से समझ गए होंगे ! इसलिए अपने भोजन का ध्यान अवश्य रखे ताकि ऐसी किसी भी बीमारी में आप न पड़े जिससे आपको कोई परेशानी हो !

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