संक्रामक रोगों के उपचार - sankramak rogon ke upchar

संक्रामक रोगों के उपचार 

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संक्रामक रोग का अर्थ होता है स्पर्श और अन्यकरणों से फैलने वाला रोग ! संक्रामक रोग किसी भी ब्यक्ति को किसी भी व्यक्ति के द्वारा कही भी और कभी भी हो सकते हैं।

सक्रामक रोगों से बचा जा सकता है जिसके लिए कुछ महतवपूर्ण बातें हमें ध्यान रखने होंगी !


संक्रामक रोग कैसे फैलता है !
संक्रामक रोग साल के सभी मौसमों में से सबसे अधिक अनुकूल मौसम वर्षा का होता है। क्योकि वर्षा के इस समय में हर तरफ पानी भरा रहता है जिससे वस्तु का सड़ना और सीलन होती है जिसके चलते रोगाणु-विषाणु खूब पनपते हैं।

 
और आदमी वर्षा के मौसम की मार से अधिक त्रस्त रहता है क्युकी वर्षांत में जुखाम, बुखार जैसे समस्या अधिक होती है जिससे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानि रोगतरातिरोधक क्षमता भी कुछ कम हो जाती है। और जब शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो मानव का शरीर रोगाणु-विषाणु के हमले का शीघ्र ही शिकार हो जाता है। 


हमे इनसे बचना है तो कुछ सावधानी रखनी होगी ! और अगर हम सावधानी बरतें तो हम काफी हद तक इनसे बच सकते हैं। 

संक्रामक रोग से बचाव -

यदि हमारा शरीर (Body) मजबूत होगा तो हमारे शरीर की रक्षात्मक शक्ति भी अधिक होगी ! जिससे रोगाणु हमारे शरीर का कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे। हमारे शरीर उन रोगाणुओं से लड़ पायेगा ! और हम स्वस्थ्य रह पाएंगे !

इसके लिए हमें हमारा स्वास्थ्य को और बेहतर करना होगा जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाये !और हमें भोजन के पोषण तत्वों पर और जोर देना होगा। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए ! लेकिन ध्यान दें की स्वच्छ पानी ही  पिएं। कुछ ऐसे संक्रामक रोग होते है जो अशुद्ध पानी पिने के कारण होते है ! , जैसे दस्त,  हैजा, मियादी बुखार, पीलिया तथा पोलियो अशुद्ध पानी द्वारा भी होते हैं। 
 
जीवन का आधार ही पेड़ पौधे होते है ! पेड़ पौधे प्रदूषण निरोधक होते है ! और हमें ऑक्सीजन देते है साथ ही रोगों से लडऩे में हमारी मदद भी करते हैं 

इसलिए हमें चाहिए कि पेड़ न काटने नहीं चाहिए जो वर्तमान में अत्यधिक हो रहा है ! बल्कि हमें और अधिक ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए ! और पेड़ों के द्वारा दिए जाने वाले सभी लाभों को लेना चाहिए ! 
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और हमें पेड़ों और पौधों से मिलने वाले ताजे फल ही खाने चाहिए ! और हमेशा ही हरी सब्जिओं का सेवन करना चाहिए जिससे आपके शरीर को विटामिन ए. सी. ई. की भरपूर मात्रा मिलती रहे  ! कोरोना वायरस के उपाए 


शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए आपको दूध पीना चाहिए दूध पीने से कैल्शियम और विटामिन डी की पूर्ति होती है और रोगप्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है !

किंतु यह ध्यान रखे की दूध को रात को सोते समय न पिएं क्योंकि इससे मुंह में उपस्थित रोगाणु जो रात में पनपते हैं और उनसे आपके शरीर में पायरिया रोग (Pyorrhea disease) उत्पन्न कर सकते हैं। और यदि आप रत को दूध पिटे है तो दूध पिने के बाद में ठीक से कुल्ला कर लें। या फिर आप दही खा सकते है !

इसके सेवन से लैक्टोबेसिलाइ आपकी आंतों में पहुंचकर रक्षा का कार्य करेंगे। और आप नींबू का रस और शहद  मिलाकर पीजिए। नींबू का रस और शहद के सेवन से आपके शरीर में ताजगी आयेगी ! नींबू का रस और शहद से बलगम भी साफ होगा। आगे आप मुलेठी चूसिए।

समय पर भोजन कीजिए। इससे आपके शरीर में इन्टरफेरोन (Enterferon) की मात्र बढ़ती  है जो आपके शरीर में रोगप्रतिरोधक छमता बढ़ाएगी ! क्युकी इन्टरफेरोन (Enterferonसंक्रामक विषाणु ( Virus ) से लडऩे के लिए उपर्युक्त होता है।

यदि आपकी पाचन शक्ति ठीक से काम करेगी तो आपका स्वास्थ्य ठीक रहेगा और स्वाथ्य शरीर रोगाणु के हमले से आपको बचता रहेगा ! जिससे आपका शरीर कोई भी संक्रामक रोग से लड़ने सक्छम होगा !

संक्रामक रोगो से बचने के लिए कुछ बातें ध्यान रखनी चाहिए ! जैसे भोजन करने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह जरूर धोना चाहिए ! क्योंकि हाथों में भी संक्रामक रोगाणु हो सकते हैं। अपने आपको साफ रखे ! साफ कपडे ही पहने ! और नियमित रूप से अपने बालों को कटवाएं ! 

और अपने नाखूनों ज्यादा बढ़ने न दे उन्हें समय - समय पर जरूर काटें। क्युकी बड़े नाखूनों में रोगाणु छिपे होते हैं जिससे कई तरह के संक्रामक रोग हो सकते हैं।

रोजाना स्नान करे और अपनी त्वचा को साफ रखे ! और हरदिन नियमित रूप से हल्की कसरत जरूर करें।
इससे आप स्वस्थ्य रहेंगे और शरीर की रक्षात्मक शक्ति भी बढ़ेगी। त्वचा के साथ - साथ आपको दांतों व मसूड़ों की सफाई के लिए रोजाना ब्रश या दातुन करना चाहिए जिससे एप दाँत साफ और सफ़ेद रहे । और रात को भोजन करने के बाद भी मुंह की सफाई जरूर करे।

बच्चों का विशेष ध्यान रखे ! क्युकी बच्चे साफ सफाई के मामलों में निपूर्ण नहीं होते है ! बच्चे को दूध का सेवन रोज कराये ! और भोजन में ताजे फल ही खाने चाहिए जैसे संतरा, पपीता, सेब, अनार, केला अदि !


अपने घर की सफाई का ध्यान रखे ! मक्खियों, मच्छरों को कीटनाशक दबाई का छिड़काव करके मार दें !
क्योंकि ये कई तरह के संक्रामक रोग को आपके घर में ला सकते है जैसे दस्त, टायफाइड, इत्यादि ! और अपने चप्पल जूते को भी साफ रखे ! माकन के फर्श को समय समय पर साफ करें !


कोई भी रोग महसूस हो जैसे शरीर में अकड़न, सर्दी जुखाम बुखार अदि होने पर अपने चिकित्सक से फौरन इलाज करवाएं। इन्जेक्शन (Injuction) लगवाने से पूर्व सावधानी बरतें और रोगाणु रहित सुई उपयोग करें। 
उपयोग की हुई सुई से आपको संक्रामक रोग होने का खतरा होता है !


और हमेशा पीने के पानी की सफाई पर अधिक ध्यान दें क्योंकि टायफाइड, पेचिश, पीलिया, दस्त, पोलियो अदि जैसे कई अन्य रोग पानी के माध्यम से ही फैलते हैं। पानी को हमेशा हल्का गर्म करके ही पिए ! और भोजन को हमेशा ढक कर रखें ! भोजन में कोई कीड़ा या मक्खी न बैठ पाए ! 


हर सुबह प्राणायाम जरूर करें इससे मानसिक शक्ति बढ़ती है जिससे तनाव भी काम हो जाता है ! तनाव हमारी रक्षात्मक शक्ति को कम करता हैं। हमेशा खुश रहने की कोशिस करें !

भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने बचे ! जब तक जरुरी न हो तबतक किसी सामूहिक कार्यक्रम में शामिल न हो !
किसी अन्य ब्यक्ति से मिलने पर उचित दुरी बनाये रखे तथा उसे स्पर्श करने से बचे !

उपयोग की हुई बस्तु को हमेशा कूड़ेदान में ही डालें ! और किसी अनचाही बस्तु को न छुएं ! 

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