स्वस्थ्य जीवन की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए

स्वस्थ्य जीवन की दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ?

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हमारे स्वास्थ्य में गड़बड़ी का एक बड़ा कारण हमारी गलत दिनचर्या भी होती है और गड़बड़ स्वस्थ्य ठीक करने के लिए दवाइयों की जरुरत नहीं होती है बल्कि अपनी गलत दिनचर्या की ठीक करना चाहिए !

स्वस्थ्य जीवन के लिए हम न जाने कितने प्रयास करते है पर कभी अपनी दिनचर्या पर ध्यान नहीं देते है ! जो हमारे स्वस्थ्य पर बहुत प्रभाव डालती है !

यदि हमारे दिन की शुरुआत अच्छी हो जाती है तो पूरा दिन अच्छा व्यतीत होता है और यदि हम अच्छी दिनचर्या का पालन करते है तो सारे दिन और पूरा जीवन ही स्वस्थ्य हो जाता है !

आज की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान और दिनचर्या बहुत अधिक बिगड़ गई है ! अतः लोगो को कई बीमारिया घेरने लगी है कैंसर , डायबिटीज , हार्ट रोग आदि ! लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हम अपनी दिनचर्या सुधर लेते है तो हम अपने शरीर से कई रोग को दूर रख सकते है !

आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या बात , पित्त और कफ के कालों को ध्यान में रखकर निर्धरित की जाती है ये प्रकृति तथा मनुष्य के सामजस्य को ध्यान में रखकर निर्धारित की जाती है जिससे मनुष्य निरोग रह सके और मनुष्य को कोई बीमारी या रोग न हो !

अब जानते है जीवन को स्वस्थ्य बनाने की दिनचर्या क्या है ?

सुबह की शुरुआत कैसी होनी चाहिए ?  

हर दिन की शुरुआत सुबह से होती है सुबह का समय होता 03 से 05 यह सुबह वह बहुमूल्य समय है जिसका उपयोग हमें व्यायाम के लिए करना चाहिए ! सुबह 03 से 05 बजे इस समय हमारे रक्त संचरण का केंद्र हमारे फेफड़े होते है ! इस समय हमें शुद्ध और ताजी हवा में स्वांस लेना चाहिए न की सोते रहना चाहिए ! 

इस समय हमें व्यायाम करना चाहिए और शरीर  में अच्छी ऊर्जा भर लेनी चाहिए ! क्युकी सुबह के इस समय में हवा लाभप्रदय और अयूरों से भरपूर होती है ! इस समय की हवा मष्तिष्क में रक्त का संचरण अच्छे से कर पाती है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है और मूड भी अच्छा रहता है जिससे चिड़चिड़ापन नहीं आता है !

शौच का सही समय  

सुबह 03 से 05 के बाद अब समय आता है प्रातः 05 से 07 इस समय हमें शौच करना चाहिए ! क्युकी इस समय रक्त संचरण का केंद्र हमारी बड़ी आंत होती है ! हमको इस समय शौच करना चाहिए ! बड़ी आंत से सारा अनचाहा मल बाहर कर देना चाहिए ! और पूरा पेट खाली कर चाहिए ताकि हमारा शरीर दिन भर ग्रहण किये जाने बाले पोषक तत्वों के लिए पूरी तरह तैयार रहे ! और पाचन क्रिया अच्छे से हो पाए !

और एक समस्या जो कुछ में अधिकतर होती है की उनका कहना की जब तक चाय नहीं पिटे पेट साफ़ नहीं है , कुछ का कहना है बिना सिगरेट पिए पेट साफ़ नहीं होता है ! कुछ का कहना है बिना गुटका खाये पेट साफ़ नहीं होता है , लगभग सभी ने ऐसी कुछ आदतें बनाई हुई है जो गलत है !

आहार का सही समय  

अगला समय आता है सुबह 07 से लेकर 09 बजे का ! अब इस समय हमारे रक्त संचरण  केंद्र अमाशय या पेट होता है ! इस समय में हमें सबसे जरूरी और महत्व पूर्ण है नास्ता ! इस समय हमें नास्ता करना चाहिए चाइये ! यह दिन का सबसे जरूरी आहार है ! इसलिए खाये जाने बाले नास्ते में सभी जरुरी पोषक तत्व होना बेहद आवश्यक है ! यदि सुबह के इस समय में नास्ता नहीं करते है तो यह आपको बाद में कई परेशनिया दे सकता है !

शाम  

सूरज अस्त होने से पहले भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए आयुर्वेद के अनुसार सूरज अस्त से पहले खाया भोजन शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है पर इस भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के कारण रात 09 से 10 बजे खाते है जो पचने की जगह पेट में पड़ा रहता है और बदबूदार मल के रूप में बहार निकलता है !

रात 

अधिकांश लोग रात को जागते रहते है और समय पर सोते नहीं है जबकि हमें आयुर्वेद के अनुसार रात 09 बजे तक सो जाना चाहिए क्युकी कई ऐसी प्रक्रिया हमारे शरीर तब होती है जब हम सो जाते है रात को 11 से 03 बजे के समय में हमारे शरीर में विष हरण की क्रिया होती है जो की लीवर के द्वारा किया जाता है यह हमारे दिनभर में खून में मिले बिषक्त पदार्थों को शरीर से बहार करता है यह प्रक्रिया रात 11 से 03 के बीच में ही होती है ! यदि 11 बजे से पहले सो जाते है यह प्रक्रिया आसानी से हो जाती है पर हम जब देर तक नहीं सोते है इस प्रक्रिया समय काम हो जाता है 

यदि हम ऐसे ही रोज देर रात तक जागते है तो हमारे शरीर में बिषेले पदार्थ बढ़ने लगते है और हमें कई प्रकार की बीमारिया घेरने लगती है ! 

अधिकतर लोग यह समझते है की देर रात तक जागने के बाद दिन में वह यदि देर तक सो लेंगे तो नींद पूरी जाएगी और उनके स्वस्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा ! पर यह बिलकुल गलत है मानव शरीर वायोलॉजिकल क्रिया होती है या जिसे हम वायोलॉजिकल घडी भी कह सकते है यही घडी हमारे सोने जागने के नियम को तय करती है !

होता यह है की जब हम देर रात तक जागते है तो इसका असर वायोलॉजिकल घडी पर पड़ता है जिससे शरीर का नियम टूटता है जिससे स्वस्थ्य में गड़बड़ी आती है !

अधिक जागने से दिमाग को आराम नहीं मिल पाता है जिससे मनुष्य में अधिक तनाव और मानसिक रोग होने की संभावना बढ़ जाती है !

विकास के इस समय में हम सेहत पर ध्यान नहीं देते है और मनचाही जिंदगी जीते है ! जिसका भुगतान बीमारियां हमसे समय पर लेती है ! इसलिए सेहत सर्वप्रथम है जिसका हमें जिम्मेदारी से ध्यान रखना चाहिए ! स्वाद के वशीभूत होकर हम कुछ भी खाना पसंद करते है चाहे वह हैल्थी हो या न हो बस स्वाद होना चाहिए ! ये सब छोड़कर हमें स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए ! हमारे द्वारा बताये गए दिनचर्या का पालन करके आप अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने में सहायता मिलेगी !

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