ध्यान का समय कितना होना चाहिए - dhyan kab tak karna chahiye

कब तक ध्यान करना चाहिए ? जिससे उत्तम लाभ प्राप्त हो , यहाँ जानिए विज्ञान का क्या कहना है ?

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ध्यान करने के कई तरीकों के बारे में अभी तक आप बहुत कुछ सुन चुके होंगे ! और आप ध्यान का अभ्यास करने के कई कारणों के बारे में अधिक से अधिक सुन रहे हैं !
 

आध्यात्मिक संबंध से लेकर आराम तक , ध्यान अभ्यास के कई लाभ दिखाई देते है पर साथ ही ध्यान करने के कई अलग अलग तरीके भी है ! क्या आप जानते है कि आप ध्यान के लाभ कैसे प्राप्त कर सकते है !

यदि आप ध्यान करते है तो क्या आप जानते है की कितने समय ध्यान करने से लाभ प्राप्त क्या जाता है !

क्या आपको सुबह के स्नान करने से पहले ध्यान का अभ्यास करना चाहिए ? आपके ध्यान करने के लिए कितना समय होना चाहिए ? जिससे आप अपने ध्यान का अधिकतम लाभ उठा सके है ! 

ध्यान कब तक करना चाहिए विज्ञान का क्या कहना है 

एक बार हुए अध्ययन में , शोधकर्ताओं ने बताया कि कुछ लोगों के ध्यान करने के दिनों में दिन की घटनाओं पर अच्छे और ध्यान से उन्होंने प्रतिक्रिया दी ! और उन्होंने पाया कि लम्बे समय तक ध्यान करने से सकारात्मक परिणाम थे ! एक अन्य अध्ययन में पाया गया की ध्यान का समय और सकारात्मक भावनाओं के बीच में महत्वपूर्ण सम्बन्ध है !

जिन्हे अनुभव था उनके द्वारा किये गए शोध से पाया गया की चार सप्ताह तक दिन में रोज 14 मिनट ध्यान करने से नकारात्मक मनोदशा में कमी आई , साथ ही ध्यान को बढ़ाबा मिला और याददाश्त में और अधिक सुधार हुआ ! और उन लोगों की मनो चिंता को कम किया गया ! (इसे पढ़े मन को काबू में कैसे करें )

इस शोध से यह तय होता है की आप चार सप्ताह तक रोज 13 मिनट तक नियमित रूप से ध्यान करते है तो इससे आपको उत्तम लाभ मिलेगा !

"ध्यान" करने के लिए "सबसे अच्छा समय" क्या है ?

सभी कहते है की ध्यान करने के लिए आदर्श समय का चनाव करना चाहिए तो इसका मतलब क्या होता है ?

पहले बताई जानकारी और शोध के हिसाब से रोज 14 मिनट का ध्यान लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है ! पर इसमें नियमितता बहुत आवश्यक है !

यदि आप महीने में एक बार 14 मिनट तक ध्यान करते है तो आपको उतना लाभ मिलने की संभावना नहीं रहती है ! संभावना तब भी रह सकती है जब आप रोजाना 5 मिनट भी ध्यान करें ! नियमितता बहुत आवस्यक है !

यदि आप सोच रहे है, की ध्यान करने के लिए कितना समय होना चाहिए तो इसके लिए कोई "जादुई नम्बर" नहीं बताया जा सकता है !

सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है की आप जितना हो सके उतना लम्बा समय का चुनाव करे जो की :

  • व्यावहारिक
  • अनुकरणीय 
  • वास्तविक 
  • सुखद , हो
हल ही में हुए शोध में ध्यान की शुरुआत करने वालों के ऊपर किये अध्ययन में पाया गया है कि जब उन लोगों ने अपने ध्यान के पहले प्रदर्शन के दौरान अच्छा और सकारात्मक भावनाओं का अनुभव किया , जिससे उनका ध्यान करने का समय बढ़ गया और ध्यान पर ध्यान अच्छे से केंद्रित होने लगा !

यदि आप अपने ध्यान का आनंद लेते है और इसे अपनी सकारात्मक भावनाओं से जोड़ते है तो आप अपने ध्यान में विलीन हो जाते है ! और समय बढ़ने की संभावना रहती है !

अपने यह सुना होगा की अधिक लाभ के लिए ध्यान जोरदार या फिर अधिक केंद्र वाला या हाइपरफोकस होना चाहिए ! यह एक गलत धारणा है !

ध्यान कोई मैराथन नहीं है जिसमे समय पर ध्यान देना है ! इसमें सिर्फ आत्मसमर्पण की आवश्यकता होती है !

यदि आप अपने आप को बैठने के लिए मजबूर कर रहे हैं, लेकिन आप केवल यह सोच सकते हैं कि आप उस दिन दोपहर के भोजन के लिए क्या करने जा रहे हैं या यह तथ्य कि आपका पैर सो रहा है, तो आप शायद बेचैनी की दहलीज पार कर चुके हैं और ज़ोरदार क्षेत्र में आ रहे हैं .

इसे आसान लेना याद रखें। ध्यान कोई मैराथन नहीं है। यह घड़ी पर विजय प्राप्त करने से अधिक आत्मसमर्पण करने के बारे में है।

अपने लिए "सही ध्यान" कैसे तय करें ?

कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप तरह का ध्यान चुनते है ,यह महत्वपूर्ण है की आप इसका आंनद लें !

यहाँ हमने ध्यान के कई प्रकार में से कुछ प्रकार बताये है :

  • प्रेम-कृपा ध्यान
  • मंत्र ध्यान
  • आध्यात्मिक ध्यान
  • केंद्रित ध्यान
  • चलना ध्यान
  • ट्रान्सेंडैंटल ध्यान लगाना
  • द्रश्य ध्यान

यह पता लगाना कि आपके लिए किस प्रकार का ध्यान आपके लिए सबसे अच्छा काम करता है, परीक्षण और त्रुटि का विषय है।

Youtube पर एक्सपर्टों या मेडिटेशन टीचर द्वारा निर्देशित ध्यान वीडियो से आप शुरुआत कर सकते है ! आप किस प्रकार के ध्यान का प्रयास करना चाहते हैं, इसके बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त करके अपनी खोज को परिष्कृत करें।

ध्यान शुरू कैसे करें ?

यथार्थवादी बने और जहा है वहीँ से शुरू करें ! ध्यान की गतिबिधियों को पूरी तरह समझने से अच्छा है ! पहले ध्यान शुरू करें ! और अपने ध्यान अभ्यास में सबसे महत्वपूर्ण कदम शुरुआत है !

यदि आप दिन काम के कारण व्यस्थता रहती है तो आप दिन में केवल 3 मिनट का मौन में बैठने से शुरू करें ! और अपनी सांसो की  आवाज सुने ! जब आप इसमें घुल जायेंगे तो समय को बढ़ाकर 5 मिनट कर सकते है !

ध्यान अभ्यास में निरंतरता बहुत महत्वपूर्ण है इसी निरंतरता के आधार पर आप ध्यान के समय को बड़ा सकते है ! कुछ दिनों के अभ्यास से आप घड़ी पर ध्यान देना भूल जायेंगे ! 

शोधकर्ताओं ने कुल मिलाकर ऐसी कुछ ऐसी विशेषताओं को साझा किया है जो ध्यान की प्रभावशीलता को निर्धारित करते है ! 

  1. अभ्यास सत्रों का उदाहरण या आवृत्ति
  2. ध्यान की अवधि 
  3. ध्यान अभ्यास के निर्देशों का पालन 
  4. आप ध्यान क्यों करते है इस सन्दर्भ को समझना ! तथा क्षमता और सांस्कृतिक प्रन्संगिकता को समझना !
  5. मौज करना  

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