ध्यान करते समय नींद क्यों आती है ? क्या करें उपाए - dhyan karte samay nind kyu ati hai

ध्यान करते समय नींद क्यों आती है ? क्या करें उपाए dhyan karte samay nind kyu ati hai 

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ध्यान को अक्सर तनावमुक्त होने , आराम करने और शांत रहने के लिए एक शानदार तरीका माना जाता है ! और यह असरदार भी है ! 

वास्तव में ध्यान करने के लिए आपको शांति की स्थति में पहुंचने में अधिक प्रभावी है ! पर कुछ समस्याओं से ध्यान करने में आपको नींद आ सकती है ! 

यदि आप ध्यान करते हुए अनुभवी हो चुके हो तो आप इस स्थति गुजरे होंगे ! और इसका उपाए भी समझे होंगे पर जो लोग शुरुआत के दौर में है उन्हें काफी जानकारी लेने की आवस्यकता है !

इस लेख में हमने ध्यान में आने वाली नींद को कैसे दूर करें बताया है ! और आराम करने तनाव कम करने और ध्यान करते वक्त एक जाग्रत और सतर्क उपस्थति कैसे दे यह भी बताया है !

जानकारी पूरा और ध्यान से पढ़े आपको काफी लाभ प्राप्त होगा ! (इसे पढ़े - ध्यान कब तक करना चाहिए )

ध्यान करते समय नींद आने के पीछे कारण और विज्ञान 

विज्ञान ने ध्यान को कल्याण की भावना को प्रेरित करने और अच्छी नींद की गुडवत्ता में सुधार करने के लिए बताया है !

ध्यान करते समय नींद के पीछे का विज्ञान

ध्यान को कल्याण की भावना को प्रेरित करने और नींद की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए दिखाया गया है।

ध्यान करते वक्त नींद आने के कुछ संभवित कारणों के बारे में बताया हैं:

  • ध्यान और नींद के बीच में मस्तिष्क तरंग की गतिविधि
  • नींद की कमी या दिन में थकान 
  • ध्यान के समय के बहुत करीब भोजन करना
  • बिस्तर में या शयनकक्ष में ध्यान करना
  • बीमारी या तनाव से कमजोरी 

दिन में थकान और नींद की कमी

यदि आप ध्यान करने के पहले से ही थके हुए है या तनाव से भरे हुए है और या फिर आपकी नींद पूरी नहीं हुई है तो जब आप ध्यान करते है तो  शरीर को लगता है आप आराम की मुद्रा में जाना चाहते है !
! इस अवस्था में शरीर पर अधिक नियंत्रण होना आवस्यक होता है 

ध्यान का एक प्रभाव यह भी है की यह आपको उस चीज़ के संपर्क में भी रख लेता है जिस पर आपने पहले ध्यान नहीं दिया होगा ! यह एक अलग लाभ है जिसके शुरुआत में अलग परिणाम हो सकते है !

अगर आप ध्यान करते समय अपने आप सोने से रोकते रहते है और जगे हुए रहने के लिए अपने आप से संघर्ष करते रहते है तो आपको यह संदेश मिल सकता है की आपके शरीर को आराम के विश्राम की आवस्यकता है ! 

बिस्तर पर और उसके आसपास ध्यान करना 


बिस्तर पर ध्यान लगाने से भी नींद आने लगती है क्युकी बिस्तर पर ध्यान लगाने से मष्तिष्क और शरीर को यह संकेत मिल सकता है की यह सोने या नींद लेने का समय है ! कई लोग बिस्तर और ध्यान के सामंजस्य को ठीक कर लेते है जिससे उन्हें बिस्तर पर ध्यान करने में नींद नहीं आती है !

ध्यान करने में नींद आपको तब भी आ सकती है जब ध्यान लगाने के लिए बिस्तर के आसपास हों ! इस समस्या को हल करने के लिए आपको ध्यान करने के लिए कोई और स्थान चुनना चाहिए !
 

बीमारी या तनाव के कारण 


जब आपका शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा हो या तनाव हो तो इस अवस्था में भी ध्यान के समय आपको नींद आ सकती है ! ध्यान में बिप्पति हो सकती है ! क्युकी बीमारी और तनाव के कारण शरीर में ऊर्जा की कमी आ जाती है !

एक सिद्धांत यह भी है की लम्बे समय तक तनाव में रहने से अधिक तनाव और थकारह सकती है जिसमे शरीर को अधिक आराम की आवस्यकता रहने लगती है !

भारी या अधिक भोजन करना 


अक्सर भरा हुआ पेट शरीर में नींद की भावना पैदा कर देता है भरे हुए पेट में नींद अपने के कारण निम्न प्रकार हो सकते है !
  1. भरे हुए पेट में हार्मोन का स्त्राव 
  2. अधिक मात्रा में भोजन का सेवन 
  3. भरे हुए पेट में शरीर ज्यादा ऊर्जा खाये भोजन को पचाने में लगा देता है 
  4. खाये गए भोजन की पोषक सामग्री 

खाने के बाद, हो सकता है कि आपका शरीर आपके भोजन को पचाने के लिए ओवरटाइम काम कर रहा हो, खासकर जब की आपने बहुत अधिक भोजन किया हो। पाचन प्रक्रिया मस्तिष्क से ऊर्जा को दूर कर सकती है और ध्यान से मन को हटा सकती है !

ध्यान करते समय नींद दूर करने के कुछ उपाए 

ध्यान करते समय नींद आना यह आम बात और काफी सामान्य हो सकता है ! ध्यान शुरू करते समाय मष्तिष्क को नींद के जैसा अनुभव हो सकता है जिससे नींद आने लगती है ! इसका मतलब है की ध्यान करते वक्त समय समय पर ध्यान  के दौरान नींद आना स्वाभाविक हो सकता है !

ध्यान के दौरान सक्रिय मस्तिष्क तरंगें नींद के शुरुआती चरणों के समान हो सकती हैं। इसका मतलब है कि समय-समय पर आपके ध्यान के दौरान थोड़ा सा नींद आना स्वाभाविक है।

यदि आपकी नींद आपके ध्यान अभ्यास में एक बड़ी बाधा बन जाती है, तो आपको नींद की कमी, पुरानी थकान, या बीमारी को दूर करने जैसे अंतर्निहित मुद्दे हो सकते हैं। इसके निवारण के लिए अपने डॉक्टर से बात करें यदि आपको संदेह है कि ऐसा हो सकता है।

1. नींद का विरोध नहीं करना

यदि आपको ध्यान करते समय जागने में बहुत समस्या होती है या अपने आप को जगाये रखने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है तो नींद से बिरोध करने का कोई मतलब नहीं है !

यदि आपको ध्यान करते वक्त नींद आ रही है तो यह संकेत हो सकता है की आपके शरीर को आराम की आवस्यकता है ! यदि संभव है और आपके पास जगह उपलब्ध है तो एक छोटी नींद की झपकी ले सकते है ! 

बाद में जैसे जैसे आप अपने ध्यान अभ्यास को और गहरा बना लेते है तो अपने आप आपके अंदर ऊर्जा और जाग्रत रहने की क्षमता बाद जाएगी और इस अवस्था जीत हांसिल हो जाएगी !

यदि आप इस बात पर सहमति दिखा रहे है तो आपको इसे हमेशा याद रखना है की नियमित ध्यान के अभ्यास से आप अपने ध्यान को और गहरा और प्रभावशाली बना सकते है ! 

2. पानी का उपयोग 

जल ही जीवन है और साथ ही पानी पीने के कई लाभ होते है कुछ सबूत बताते है की शरीर पानी की कमी से दिमाग में तनाव , क्रोध , थकान आदि रहने लगती है !

भरपूर मात्रा में पानी पीये जिससे दिमाग साफ , सतर्क, और बेहतर बनाये !

यदि शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के बाद भी लाभ न हो तो नींद आने पर ठन्डे पानी से चेहरे को धोये !

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